लखनऊ: रिश्वतखोरी का खुला खेल, हसनगंज थाने के दरोगा ₹1.5 लाख लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिश्वतखोरी का खुला खेल जारी है। आम जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय अधिकारी और नेता रिश्वतखोरी में लिप्त नजर आ रहे हैं। बिना रिश्वत के किसी भी पीड़ित की सुनवाई नहीं हो रही, और जो फरियादी न्याय की उम्मीद लेकर जाता है, उसका या तो मजाक उड़ाया जाता है या फिर मोटी रकम वसूली जाती है।
ताजा मामला लखनऊ के हसनगंज थाने का है, जहां तैनात दरोगा बेचन यादव को ₹1.5 लाख की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस घटना ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुख्य बिंदु:
✔ हसनगंज थाने के दरोगा बेचन यादव रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
✔ ₹1.5 लाख की रिश्वत की मांग, एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा।
✔ बिना रिश्वत किसी पीड़ित की सुनवाई तक नहीं हो रही।
✔ रिश्वतखोरी से त्रस्त जनता राम भरोसे, समाधान की कोई उम्मीद नहीं।
प्रश्न जो उठते हैं:
❓ क्या पुलिस विभाग में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
❓ क्या केवल एक दरोगा की गिरफ्तारी से पूरे सिस्टम की सफाई संभव है?
❓ क्या पीड़ितों को बिना रिश्वत के न्याय मिल सकेगा?
यह घटना इस बात को साफ दर्शाती है कि भ्रष्टाचार पुलिस विभाग में गहराई तक समाया हुआ है। जनता की शिकायतों का समाधान तभी संभव है जब प्रशासन ईमानदारी से कार्रवाई करे और भ्रष्टाचार पर कठोर लगाम लगाए।
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